1. ऊष्मागतिकी अवस्था फलन एक राशि है?
- जो ऊष्मा परिवर्तन के लिए प्रयुक्त होती है
- जिसका मान पथ पर निर्भर नहीं करता है
- जो दाब-आयतन कार्य की गणना करने में प्रयुक्त होती है
- जिसका मान केवल ताप पर निर्भर करता है
2. सभी तत्वों की एन्चैल्पी उनकी सन्दर्भ-अवस्था में होती है-
- इकाई
- शून्य
- <0
- सभी तत्त्वों के लिए भिन्न होती है
3. एक प्रक्रम के रुद्रोष्म परिस्थितियों में होने के लिए-
- ∆T = 0
- ∆p = 0
- q = 0
- w = 0
4. जब निकाय को ऊष्मा (q) दी जाए तथा निकाय के द्वारा » कार्य किया जाए तो ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम का गणितीय रूप होता है-
- ∆E =q+w
- ∆E =q-W
- ∆E =-q+w
- ∆E =-q-W
5. अभिक्रिया H2+Cl2 → 2HCl में ∆H = -194 kJ HCI की उत्पादन ऊष्मा है-
- + 19 kJ
- + 194 kJ
- – 194 kJ
- – 97 kJ
6. किसी आदर्श गैस के समतापी प्रसार में-
- आन्तरिक ऊर्जा घटती है
- आन्तरिक ऊर्जा बढ़ती है
- संपूर्ण ऊर्जा घटती है
- आन्तरिक ऊर्जा स्थिर रहती है
7. 36.5 ग्राम HCI और 40 ग्राम NaOH के द्वारा उत्पन्न होने वाली उदासीनीकरण ऊष्मा का मान होगा-
- 76.5 किलोकैलोरी
- 12.7 किलोकैलोरी
- शून्य
- 13.7 किलोकैलोरी
8. एन्थैल्पी ∆H और आन्तरिक ऊर्जा ∆E में सम्बन्ध है?
- ∆E = ∆H + P∆V
- ∆E+∆V = ∆H
- ∆H = ∆U+ P∆V
- ∆H = ∆E-P∆V
9. CH3COOH तथा NaOH की उदासीनीकरण ऊष्मा होती है-
- -13.6 Kcal/mol
- -13.6 Kcal/mol से अधिक ऋणात्मक
- -13.6 Kcal/mol से कम ऋणात्मक
- उपर्युक्त में से कोई नहीं
10. अभिक्रिया H2(g) + Cl2(g) → 2HCl(g) के एन्थैल्पी परिवर्तन, ∆H का मान – 68.4 Kcal है। इसका ऋण चिह्न प्रदर्शित करता है-
- अभिकारकों की एन्थैल्पी से उत्पादों की एन्थैल्पी अधिक है
- अभिकारकों की एन्थैल्पी से उत्पादों की एन्थैल्पी कम है
- अभिक्रिया ऊष्माशोषी है
- अभिक्रिया अग्र दिशा में नहीं होती है