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Chapter-9: त्रिकोणमिति के कुछ अनुप्रयोग

1. यदि मीनार के पाद से 50 m दूर स्थित बिन्दु पर मीनार का उन्नयन कोण 60 ° है , तो मीनार की ऊँचाई है :

  • 50/√3
  • 50√3 m
  • 100√3 m
  • 25√3m
उत्तर
50√3 m

2. यदि सूर्य का अवनमन को 60 ° है , तब 30 m लम्बी छाया बनाने वाले उदग्र मीनार की ऊँचाई है :

  • 30√3 m
  • 30/√3 m
  • 15√3 m
  • 15/√3 m
उत्तर
30√3 m

3. एक स्तम्भ की लम्बाई और उसकी छाया का अनुपात 13√1 तो सूर्य का उन्नयन कोण है :

  • 30 °
  • 45 °
  • 90 °
  • 60 °
उत्तर
60

4. 25 m ऊँची पहाड़ी चोटी से एक मीनार के शिखर का उन्नयन कोण उसके पाद के अवनमन कोण के बराबर है । मीनार की ऊँचाई है :

  • 25 m
  • 50 m
  • 75 m
  • 100 m
उत्तर
50 m

5. भूमि के एक बिन्दु से, जो मीनार के पाद – बिन्दु से 30 m की दूरी पर है, मीनार के शिखर का उन्नयन कोण 30 ° है। मीनार की ऊँचाई होगी –

  • 30√3 m
  • 10√3 m
  • 20√3 m
  • 40√3 m
उत्तर
10√3 m

6. सूर्य का उन्नयन कोण , जब किसी सीधे खड़े खम्भों की छाया और उसकी ऊँचाई बराबर हो –

  • 30 °
  • 45 °
  • 60 °
  • 90 °
उत्तर
45 °

7. 5m ऊँची उदग्न मीनार के पाद से 5m दूर स्थित बिन्दु पर मीनार की चोटी का उन्नयन कोण क्या है ?

  • 30 °
  • 45 °
  • 60 °
  • 90 °
उत्तर
45 °

8.  उन्नयन कोण एवं अवनमन कोण में क्या संबंध होता है :

  • समान
  • असमान
  • दोनों
  • इनमें से कोई नहीं
उत्तर
समान

9. यदि एक उदग्र खम्भे की छाया की लम्बाई खम्भे की लंबाई के √3 गुना है , तो सूर्य का उन्नयन कोण है :

  • 30 °
  • 45 °
  • 60 °
  • 90 °
उत्तर
30 °

10. एक मीनार से 100 मीटर दूर स्थित बिन्दु पर मीनार का उन्नयन कोण 60 ° है , तो मीनार की ऊँचाई है :

  • 100 √3 m
  • 100/√3 m
  • 50√3 m
  • 50√3 m
उत्तर
100 √3 m