1. यदि मीनार के पाद से 50 m दूर स्थित बिन्दु पर मीनार का उन्नयन कोण 60 ° है , तो मीनार की ऊँचाई है :
- 50/√3
- 50√3 m
- 100√3 m
- 25√3m
2. यदि सूर्य का अवनमन को 60 ° है , तब 30 m लम्बी छाया बनाने वाले उदग्र मीनार की ऊँचाई है :
- 30√3 m
- 30/√3 m
- 15√3 m
- 15/√3 m
3. एक स्तम्भ की लम्बाई और उसकी छाया का अनुपात 13√1 तो सूर्य का उन्नयन कोण है :
- 30 °
- 45 °
- 90 °
- 60 °
4. 25 m ऊँची पहाड़ी चोटी से एक मीनार के शिखर का उन्नयन कोण उसके पाद के अवनमन कोण के बराबर है । मीनार की ऊँचाई है :
- 25 m
- 50 m
- 75 m
- 100 m
5. भूमि के एक बिन्दु से, जो मीनार के पाद – बिन्दु से 30 m की दूरी पर है, मीनार के शिखर का उन्नयन कोण 30 ° है। मीनार की ऊँचाई होगी –
- 30√3 m
- 10√3 m
- 20√3 m
- 40√3 m
6. सूर्य का उन्नयन कोण , जब किसी सीधे खड़े खम्भों की छाया और उसकी ऊँचाई बराबर हो –
- 30 °
- 45 °
- 60 °
- 90 °
7. 5m ऊँची उदग्न मीनार के पाद से 5m दूर स्थित बिन्दु पर मीनार की चोटी का उन्नयन कोण क्या है ?
- 30 °
- 45 °
- 60 °
- 90 °
8. उन्नयन कोण एवं अवनमन कोण में क्या संबंध होता है :
- समान
- असमान
- दोनों
- इनमें से कोई नहीं
9. यदि एक उदग्र खम्भे की छाया की लम्बाई खम्भे की लंबाई के √3 गुना है , तो सूर्य का उन्नयन कोण है :
- 30 °
- 45 °
- 60 °
- 90 °
10. एक मीनार से 100 मीटर दूर स्थित बिन्दु पर मीनार का उन्नयन कोण 60 ° है , तो मीनार की ऊँचाई है :
- 100 √3 m
- 100/√3 m
- 50√3 m
- 50√3 m