1 . छाया मत छूना ‘ कविता के कवि कौन हैं ?
- गिरिजाकुमार माथुर
- नागार्जुन
- ऋतुराज
- सूरदास
2. कवि छाया छूने से इसलिए मना कर रहा है क्योंकि यह-
- मन में पीड़ा बनकर चुभती रहती है
- मृगतृष्णा मात्र है
- शारीरिक पीड़ा प्रदान करती है
- स्पर्श योग्य नहीं होती
3. कवि के अनुसार , मनुष्य अतीत में खोए रहने के कारण रहता है ।
- सुखी
- दुःखी
- भ्रमित
- उदास
4. कवि अपने जीवन में क्या पाने के लिए निरंतर दौड़ता रहा ?
- लोकप्रियता
- मान – प्रतिष्ठा
- अपार संपत्ति
- इनमें सभी
5. छाया मत छूना ‘ कविता में ‘ चंद्रिका ‘ और ‘ कृष्णा ‘ किसके प्रतीकार्थ हैं ?
- सुख – दुख
- सांसारिक मोह से मुक्ति
- आगमन – आवागमन
- चाँद – रात
6. कवि ने प्रभुता की कामना को क्या माना है ?
- मृगतृष्णा
- कटु यथार्थ
- जीवन की सच्चाई
- चंद्रिका
7. कवि के अनुसार , जो सुख जीवन में प्राप्त न हो सका , उसे भूलकर —— करना चाहिए ।
- प्रभुता की कामना
- बीते क्षणों की याद
- उचित समय की प्रतीक्षा
- भविष्य का वरण
8. दुविधा हत साहस ‘ का क्या अभिप्राय है ?
- मन का दुविधा से ग्रस्त होना
- साहस का दुविधा से ग्रस्त होना
- दुविधा में रहकर जोखिम भरे कार्य करना
- जीवन का साहसहीन होना
9. ‘शरद – रात ‘ आने पर चाँद के न खिलने से किस भाव की अभिव्यक्ति हुई है ?
- आशा के भाव की
- निराशा के भाव की
- संतुष्टि के भाव की
- क्रोध के भाव की
10. ‘ छाया मत छूना ‘ कविता में ‘ छाया ‘ शब्द का प्रयोग किस संदर्भ में हुआ है ?
- मानवीय प्रतिबिंब
- अतीत की स्मृतियाँ
- दुविधा
- संशय
11. कवि ने किसके पूजन की बात कही है ?
- जीवन के सुखद क्षणों की
- जीवन की कटु सच्चाई की
- मन के भ्रम की
- अतीत के सुहावने क्षणों की
12. कवि के अनुसार , वास्तविक खुशी और सफलता किस प्रकार प्राप्त की जा सकती है ?
- यश और वैभव कमाकर
- देह सुखी होने पर
- यथार्थ के पूजन द्वारा
- प्रभुता की कामना करने से
13. कवि के जीवन की ‘ सुरंग – सुधियाँ ‘ क्या हैं ?
- बीती सुखद स्मुतियाँ
- प्रिया के पुष्प गुच्छ
- सच्चाई का कटु अनुभव
- प्रिया मिलन की सुनहरी यादें
14. हर चंद्रिका में छिपी एक रात कृष्णा है ‘ पंक्ति में ‘ चंद्रिका ‘ का प्रतीकार्थ क्या है ?
- चांदनी रात
- चाँद का प्रकाश
- जीवन के सुखद क्षण
- जीवन के दुःखद क्षण
15. ‘ हर चंद्रिका में छिपी एक रात कृष्णा है ‘ पंक्ति का भाव है
- सुख – दुख के क्षण सदैव स्थिर रहते हैं
- सुख – दुख जीवन के अभिन्न अंग हैं
- चाँद की किरणों में आशा की किरण विद्यमान होती है
- इनमें सभी
16. छाया मत छूना ‘ कविता में प्रयुक्त ‘ शरद रात ‘ व ‘ वसंत ‘ का प्रतीकात्मक अर्थ क्या है ?
- जीवन के सुखद क्षण
- जीवन के दुःखद क्षण
- जीवन के संघर्षमय क्षण
- जीवन के कटु अनुभव
17. चाँदनी रात को देखकर कवि को किसकी याद आती है ?
- प्रेयसी के बालों में लगे फूलों की खुशबू की
- प्रेयसी से बिछुड़ते पलों की
- दुःखद क्षणों की
- प्राकृतिक सौंदर्य की
18. यामिनी ‘ किसका प्रतीक है ?
- निराशा का
- सुखमय क्षणों का
- प्रेयसी से वियोग का
- विचलित कर देने वाले समय का
19. सुरंग सुधियाँ सुहावनी ‘ में स्मृतियों को किस रूप में प्रस्तुत किया गया है ?
- दुविधाग्रस्त रूप में
- रंग – बिरंगी मनभावक रूप में
- विकट रूप में
- कटु रूप में
20. कुंतल के फूलों की याद बनी चाँदनी ‘ में ‘ कुंतल ‘ शब्द से क्या अभिप्राय है ?
- बगीचा
- कमल के फूल
- रंग – बिरंगे वस्त्र
- लंबे बाल