प्रश्न. 1. कवि ने किस आशय से मेहनत की लूट, पुलिस की मार, गद्दारी-लोभ को सबसे खतरनाक नहीं माना?
उत्तर: कवि मेहनत की लूट, पुलिस की मार, गद्दारी-लोभ को सबसे खतरनाक नहीं मानता, क्योंकि इनका प्रभाव सीमित होता है तथा इनकी क्षति-पूर्ति हो सकती है। दूसरे, इन क्रियाओं में व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता बनी रहती है। वह पूर्णत: नष्ट नहीं होती। ये स्थितियाँ बुरी तो हैं किंतु इन्हें बदला जा सकता है। अत: ये सब खतरनाक नहीं हैं। इनसे खतरनाक और दूसरी बातें हैं।
प्रश्न. 2. सबसे खतरनाक शब्द के बार-बार दोहराए जाने से कविता में क्या असर पैदा हुआ?
उत्तर: ‘सबसे खतरनाक’ शब्द के बार-बार दोहराए जाने से खतरनाक बातों के प्रति पाठकों का ध्यान जाता है। यह शब्द उस विभीषिका को बताता है जो समाज को निर्जीव कर रही है। कवि बार-बार सबसे खतरनाक शब्द का प्रयोग कर हमें सचेत कर रहा है कि यदि अब हम नहीं जागे तो भविष्य अंधकारमय होगा।
प्रश्न. 3. कवि ने कविता में कई बातों को बुरा है न कहकर बुरा तो है कहा है। तो के प्रयोग से कथन की भंगिमा में क्या बदलाव आया है, स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: कवि ने कविता में ‘बुरा तो है’ का प्रयोग किया है। ‘बुरा है’ में स्पष्ट रूप से आरोप लगता है। यह अपने-आप में पूर्ण वाक्य हो जाता है तथा इसमें सुधार की गुंजाइश नहीं होती। ‘तो’ शब्द में बल है। यह बचाव है तथा पाठकों में जिज्ञासा उत्पन्न करता है। यह बताता है कि स्थितियाँ बुरी तो हैं, परंतु चरम सीमा पर नहीं हैं।
प्रश्न. 4. मुर्दा शांति से भर जाना और हमारे सपनों का मर जाना इनको सबसे खतरनाक माना गया है। आपकी दृष्टि में इन बातों में परस्पर क्या संगति है और ये क्यों सबसे खतरनाक हैं?
उत्तर: ‘मुर्दा शांति से मर जाना’ का अर्थ है ?-निष्क्रियता, जड़ता व प्रतिक्रिया शून्यता का होना। ऐसी स्थिति खतरनाक होती है। ऐसा समाज अन्याय के खिलाफ संघर्ष नहीं कर पाता। ‘हमारे सपनों का मर जाना’ का अर्थ है-कुछ करने की इच्छा समाप्त होना। मनुष्य कल्पना करके ही नए-नए कार्य करता है तथा होता है। सपनों के मर जाने पर हम यथास्थिति में ही रहते हैं। ये दोनों स्थितियाँ खतरनाक हैं। इनसे समाज में अन्याय करने वाला प्रभावी रहता है। समाज का विकास अवरुद्ध हो जाता
प्रश्न. 5. सबसे खतरनाक वह घड़ी होती है/आपकी कलाई पर चलती हुई भी जो/आपकी निगाह में रुकी होती है। इन पंक्तियों में घड़ी शब्द की व्यंजना से अवगत कराइए।
उत्तर: ‘घड़ी’ शब्द के दो अर्थ हैं। एक अर्थ जीवन से है। जीवन घड़ी की तरह चलता रहता है। जब व्यक्ति में आगे बढ़ने की चाह समाप्त हो जाती है तब उसे ‘रुकी घड़ी’ कहा जाता है। दूसरा अर्थ निश्चित दिनचर्या से है। घड़ी एक निश्चित तरीके से चलती रहती है, उसी प्रकार व्यक्ति भी यंत्र के समान घर से काम व काम से घर पर आता है। उसके मन में उमंग नहीं है। उसकी जिंदगी ढरें पर चलती है और वह उसमें कोई बदलाव नहीं करना चाहता।
प्रश्न. 6. वह चाँद सबसे खतरनाक क्यों होता है जो हर हत्याकांड के बाद/आपकी आँखों को मिर्चे की तरह नहीं गड़ता है?
उत्तर: यहाँ ‘चाँद’ आस्था व विश्वास का पर्याय है। यह आस्था व विश्वास हर हत्याकांड के बाद व्यक्तियों को शांति का भाषण देती है। इसके कारण धर्म, जाति, संप्रदाय के नाम पर दंगा करने वाले शक्तिशाली बने रहते हैं। आम आदमी इन आस्थाओं, विश्वासों पर तर्क करे, तो समाज ठीक हो जाए, परंतु ऐसा नहीं होता।
कविता के आसपास
प्रश्न. 1. कवि ने मेहनत की लूट सबसे खतरनाक नहीं होती से कविता का आरंभ करके फिर इसी से अंत क्यों किया होगा?
उत्तर: कवि ने ‘मेहनत की लूट सबसे खतरनाक नहीं होती है’, से कविता का आरंभ किया तथा अंत भी इसी पर किया। ये पंक्तियाँ ‘खतरनाक’ और ‘सबसे खतरनाक’ स्थितियों में अंतर बताती हैं कि ये स्थितियाँ सुधर सूकती हैं, परंतु इनसे भी अधिक खतरनाक बातों पर समाज को गंभीरता से विचार करना होगा।
प्रश्न. 2. कवि द्वारा उल्लिखित बातों के अतिरिक्त समाज में अन्य किन बातों को आप खतरनाक मानते हैं?
उत्तर: कवि द्वारा उल्लिखित बातों के अतिरिक्त समाज में निम्नलिखित बातों को खतरनाक मानते हैं –
(1) सांप्रदायिकता
(2) आतंकवाद
(3) निरर्थक महत्त्वाकांक्षा
(4) स्त्री शोषण, अपमान
(5) संकटग्रस्त की सहायता न करना
प्रश्न. 3. समाज में मौजूद खतरनाक बातों को समाप्त करने के लिए आपके क्या सुझाव हैं?
उत्तर: समाज में मौजूद खतरनाक बातों को समाप्त करने के लिए हमारे सुझाव निम्नलिखित हैं-
लोगों में जागरूकता लानी होगी।
दुष्ट लोगों को कानूनी तौर पर सजा दिलानी होगी।
विचारों में नवीनता लानी होगी।
संवेदनशीलता को बनाए रखना होगा।