प्रश्न. 1. भारत की चर्चा नेहरू जी कब और किससे करते थे?
उत्तर: नेहरू जी कांग्रेस के सक्रिय कार्यकर्ता थे। वे देश के विभिन्न जगहों में होने वाले जलसों में जाया करते थे। वे किसानों की सभा में ‘भारत’ की चर्चा अवश्य करते थे। उन्हें लगता था कि किसानों को संपूर्ण भारत के बारे में जानकारी कम है तथा उनका दृष्टिकोण सीमित है। वे उन्हें बताते थे कि हिंदुस्तान का नाम भारत इस देश के संस्थापक के नाम से निकला हुआ है। भारत शब्द संस्कृत भाषा का है। इस देश का एक हिस्सा दूसरे से अलग होते हुए भी देश एक है। यह ही भारत है तथा इसे अंग्रेजों से मुक्त कराने के लिए आंदोलन की प्रेरणा देते थे।
प्रश्न. 2. नेहरू जी भारत के सभी किसानों से कौन-सा प्रश्न बार-बार करते थे?
उत्तर: नेहरू जी भारत के सभी किसानों से निम्नलिखित प्रश्न बार-बार करते थे –
भारत माता की जय से वे क्या समझते हैं ?
यह भारतमाता कौन है?
वह धरती कौन-सी है जिसे वे भारत माता कहते हैं-गाँव की, जिले की, सूबे की या पूरे हिंदुस्तान की।
इन प्रश्नों को सुनकर ग्रामीण कुतूहल व ताज्जुब से भर जाते।
प्रश्न. 3. दुनिया के बारे में किसानों को बताना नेहरू जी के लिए क्यों आसान था?
उत्तर: नेहरू जी अपने भाषणों में किसानों की दुनिया के बारे में बताते हैं। दुनिया के बारे में उन्हें जानकारी देना आसान था, ऐसा मानने के कई कारण थे-
पुराने महाकाव्यों व पुराणों की कथा-कहानियों से किसान पहले से परिचित थे।
अनेक लोगों ने बड़े-बड़े तीर्थों की यात्रा कर रखी थी जो देश के चारों कोनों पर हैं।
कुछ सिपाहियों ने प्रथम विश्वयुद्ध में भाग लिया था।
कुछ लोग विदेशों में नौकरियाँ करते थे।
1930 की आर्थिक मंदी के कारण दूसरे मुल्कों के बारे में जानकारी थी।
प्रश्न. 4. किसान सामान्यतः भारत माता का क्या अर्थ लेते थे?
उत्तर: किसान सामान्यतः भारत माता का अर्थ अपने देश की धरती से लेते थे। नेहरू जी ने उन्हें समझाया कि उनके गाँव, जिले, नदियाँ, पहाड़, जंगल, खेत, करोड़ों भारतीय सभी भारत माता हैं।
प्रश्न. 5. भारत माता के प्रति नेहरू जी की क्या अवधारणा थी?
उत्तर: भारत माता के प्रति नेहरू जी की अवधारणा यह थी कि यहाँ की धरती, पहाड़, जंगल, नदी, खेत आदि के साथ-साथ यहाँ के करोड़ों निवासी भी भारत माता हैं। भारत जितना भी हमारी समझ था उससे भी परे जितना है उससे कहीं अधिक व्यापक है। ‘भारत माता की जय’ से मतलब यहाँ के लोगों की जय से है।
प्रश्न. 6. आजादी से पूर्व किसानों को किन समस्याओं का सामना करना पड़ता था?
उत्तर: आज़ादी से पूर्व भारत के किसानों को गरीबी, कर्जदारी, पूँजीपतियों द्वारा शोषण, जमींदारी, महाजन, कड़े लगान और सूद, पुलिस के जुल्म आदि समस्याओं से जूझना पड़ता था। सिंचाई के पर्याप्त साधन नहीं थे। वर्षा पर निर्भर रहना, कठोर परिश्रम के पश्चात भी मेहनताना न मिलने जैसी अनेक विषम समस्याओं का सामना करना पड़ता था।
पाठ के आस-पास
प्रश्न. 1. आज़ादी से पहले भारत निर्माण को लेकर नेहरू के क्या सपने थे? क्या आज़ादी के बाद वे साकार हुए? चर्चा कीजिए।
उत्तर: आजादी से पहले भारत-निर्माण को लेकर नेहरू के सपने निम्नलिखित थे-
(क) किसानों को जमींदारों, महाजनों आदि के चंगुल से मुक्त कराएँगे।
(ख) देश में औद्योगिक क्रांति लाएँगे।
(ग) विज्ञान व तकनीक की शिक्षा प्रदान करेंगे।
(घ) देश की गरीबी दूर करेंगे। उनके ये सपने आजादी के बाद पूर्णत: साकार नहीं हुए। सरकारी अनिच्छा, वोट की राजनीति आदि के कारण किसानों की समस्याएँ पूर्णत: समाप्त नहीं हुई हैं। भ्रष्टाचार के कारण अव्यवस्थित विकास हुआ है। उद्योग स्थापित हुए हैं, परंतु सीमित क्षेत्रों में। गरीबी का भयावह रूप खत्म हो गया है, परंतु आम जन सुविधाएँ सभी को नहीं मिली हैं।
प्रश्न. 2. भारत के विकास को लेकर आप क्या सपने देखते हैं?
उत्तर: भारत के विकास को लेकर हम निम्नलिखित सपने देखते हैं –
सभी को मूलभूत सुविधाएँ मिलें।
देश में रोजगार बढ़े।
तकनीकी विकास हो।
उद्योग व कृषि की उन्नति हो।
देश में शांति का माहौल रहे।
प्रश्न. 3. आपकी दृष्टि में भारत माता और हिंदुस्तान की क्या संकल्पना है? बताइए।
उत्तर: मेरी दृष्टि में भारत माता और हिंदुस्तान की संकल्पना में शामिल हैं-
यहाँ के लोग, पर्वत, नदी, पठार, समुद्र, वन, पशु-पक्षी, खेत, यहाँ की संस्कृति व सभ्यता, यहाँ के रहने वाले करोड़ों भारतवासी जो दूर-दूर तक फैले हैं। यही सच्चा भारत है।
प्रश्न. 4. वर्तमान समय में किसानों की स्थिति किस सीमा तक बदली है? चर्चा कर लिखिए।
उत्तर: वर्तमान समय में किसानों की दशा पहले से बहुत अच्छी हुई है। हल, बैल छोडकरे आज ट्रैक्टर से खेती कर रहे किसान अब केवल वर्षा पर निर्भर नहीं हैं। सिंचाई के अनेक साधन तथा बिजली की व्यवस्था है। सुविधाजनक ढंग से कर्ज मिल रहे हैं। प्रत्येक बैंक कम ब्याज दरों पर धन उपलब्ध करवाने को तैयार है। जमींदारों की गुलामी का समय अब नहीं रहा। इससे किसानों की आर्थिक दशा में अभूतपूर्व सुधार हुआ है।
प्रश्न. 5. आज़ादी से पूर्व अनेक नारे प्रचलित थे। किंहीं दस नारों का संकलन करें और संदर्भ भी लिखें।
उत्तर:
वदे मातरम्-बकिमचंद्र चटर्जी-आज़ादी के समय क्रांतिकारियों का मंत्र।
तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूँगा-सुभाषचंद्र बोस-सशस्त्र क्रांति का आहवान।
इंकलाब जिंदाबाद-क्रांति को बढ़ावा देने हेतु।
अंग्रेजों भारत छोड़ी-देश की आज़ादी के लिए।
करो या मरो-महात्मा गाँधी-भारत छोड़ो आंदोलन।
स्वतंत्रता मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है-तिलक-अंग्रेजों के खिलाफ बिगुल।
दिल्ली चलो-सुभाष चंद्र बोस-अंग्रेजों को सत्ता से बाहर करना।
साइमन, वापस जाओ—लाला लाजपत राय–साइमन कमीशन का बहिष्कार।
हिंदी, हिंदू, हिंदुस्तान-प्रताप नारायण मिश्र-राष्ट्रीय एकता हेतु।
स्वदेशी अपनाओ-एनी बेसेंट-विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने के लिए।